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फकीरी
Meanings: 4; in Dictionaries: 2
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गज्जलाञ्जलि - ये राज्य कोण, कोणा फकीरी,...
डॉ. माधव त्रिंबक पटवर्धन ऊर्फ माधव जूलियन, (जन्म २१ जानेवारी १८९४; मृत्यु २९ नोव्हेंबर १९३९) हे मराठी भाषेतील प्रतिथयश कवी होऊन गेले.
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फकीरी दौलत
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
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फकीरी बाणा
Meanings: 3; in Dictionaries: 1
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फकीरी संपत्ति
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
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சன்யாசி
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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బికారిజీవితాన్ని
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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ফকিরী
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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ଭିକ୍ଷୁ
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
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ಫಕೀರನಂತ
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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സന്യാസിയുടെ
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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फकिरी
Meanings: 5; in Dictionaries: 3
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beggarly
Meanings: 3; in Dictionaries: 2
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ਫਕੀਰੀ
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
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ફકીરી
Meanings: 3; in Dictionaries: 1
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impoverishment
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poorness
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
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poverty
Meanings: 12; in Dictionaries: 6
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फ़क़ीरी
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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mean
Meanings: 67; in Dictionaries: 22
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फकीराना
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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फ़क़ीराना
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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भजन - है आशिक और माशूक जहाँ वाँ...
हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है।
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दरवेश
Meanings: 3; in Dictionaries: 3
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कबीर के दोहे - हम तो भिकारी । मौजा करता ...
कबीर के दोहे
हिंदी साहित्य में कबीर का व्यक्तित्व अनुपम है। Kabir mostly known as "Weaver saint of Varanasi".
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दरवेशी
Meanings: 5; in Dictionaries: 5
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कबीर के दोहे - हमतों सदा रंग है लाल । सं...
कबीर के दोहे
हिंदी साहित्य में कबीर का व्यक्तित्व अनुपम है। Kabir mostly known as "Weaver saint of Varanasi".
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कबीर के दोहे - मुख पान चोबती पीक उरावतो ...
कबीर के दोहे
हिंदी साहित्य में कबीर का व्यक्तित्व अनुपम है। Kabir mostly known as "Weaver saint of Varanasi".
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कबीर के दोहे - हमतो फकीर है भाई तन महेजत...
कबीर के दोहे
हिंदी साहित्य में कबीर का व्यक्तित्व अनुपम है। Kabir mostly known as "Weaver saint of Varanasi".
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लावणी - प्रीत लगाके हुई मै दिवानी...
शाहीर प्रभाकर महाराष्ट्रातील कवी मंडळातील शाहीर कवी म्हणून ओळखले जातात.
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सगनभाऊ - मय तो जोगिन होउंगी
सगनभाऊंची लावणी म्हणजे मराठी साहित्याला पडलेले लावण्यरूप स्वप्नच.
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हिंदुस्थानीं पदें - पदे ३१ ते ३५
वेदान्तशास्त्र हे नुसते बुध्दिगम्य व वाक्चातुर्यदर्शक शास्त्र नसून प्रत्यक्ष अनुभवगम्य शास्त्र आहे हे या ग्रन्थातून स्पष्ट होते.
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हिंदुस्थानीं पदें - पदे ४१ ते ४५
वेदान्तशास्त्र हे नुसते बुध्दिगम्य व वाक्चातुर्यदर्शक शास्त्र नसून प्रत्यक्ष अनुभवगम्य शास्त्र आहे हे या ग्रन्थातून स्पष्ट होते.
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हिंदुस्थानीं पदें - पदे १ ते ५
वेदान्तशास्त्र हे नुसते बुध्दिगम्य व वाक्चातुर्यदर्शक शास्त्र नसून प्रत्यक्ष अनुभवगम्य शास्त्र आहे हे या ग्रन्थातून स्पष्ट होते.
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हिंदुस्थानीं पदें - पदे ११ ते १५
वेदान्तशास्त्र हे नुसते बुध्दिगम्य व वाक्चातुर्यदर्शक शास्त्र नसून प्रत्यक्ष अनुभवगम्य शास्त्र आहे हे या ग्रन्थातून स्पष्ट होते.
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हिंदुस्थानीं पदें - पदे ३६ ते ४०
वेदान्तशास्त्र हे नुसते बुध्दिगम्य व वाक्चातुर्यदर्शक शास्त्र नसून प्रत्यक्ष अनुभवगम्य शास्त्र आहे हे या ग्रन्थातून स्पष्ट होते.
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लावणी - अहो पंछी मुशाफर तुम्ही को...
शाहीर प्रभाकर महाराष्ट्रातील कवी मंडळातील शाहीर कवी म्हणून ओळखले जातात.
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उत्तरार्ध - अभंग ४०१ ते ५००
श्री मुक्तेश्वरी पोथी वाचल्याने आत्मिक समाधान मिळते.
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पूर्वार्ध - अभंग ७०१ ते ८००
श्री मुक्तेश्वरी पोथी वाचल्याने आत्मिक समाधान मिळते.
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संकेत कोश - संख्या १०
हिंदू धर्मात असे अनेक संकेत आहेत ,जे आपल्या जीवनात मोलाचे कार्य बजावतात .
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ग्रामगीता - अध्याय बत्तिसावा
जनसेवा हीच ईशसेवा मानणारे तुकडोजी महाराज हे समाजसुधारक संत होते.
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दीपप्रकाश - षष्टम किरण
Shri Madhavnath Maharaj (1857–1936) was a Hindu saint, of Karvi, Chitrakoot, Madhya Pradesh, who continued the Nath Sampradaya of the famous Navnaths in India.
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साईसच्चरित - अध्याय ८ वा
श्रीसाईसच्चरित या ग्रंथांत श्रीसाईबाबांच्या अद्भुत लीलांचा व उपदेशांचा संग्रह आहे.
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दीपप्रकाश - पंचम किरण
Shri Madhavnath Maharaj (1857–1936) was a Hindu saint, of Karvi, Chitrakoot, Madhya Pradesh, who continued the Nath Sampradaya of the famous Navnaths in India.
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भक्त लीलामृत - अध्याय ४७
महिपतिबोवांच्या वाचेला सिद्धी होती, म्हणूनच हा ग्रंथ जो भक्तिभावाने व एकाग्रतेने वाचील त्याला फलश्रुतीचा अनुभव खचितच येणार.
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Meanings: 129; in Dictionaries: 4
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